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1. रविन्द्रनाथ ठाकुर ने स्कूल में बहुत ही कम शिक्षा पायी थी। उनकी पाठशाला के अध्यापक विद्यार्थियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते थे। उस समय के अधिकांश शिक्षक छात्रों को पीटा करते थे। वे प्यार के साथ पढ़ाना नहीं चाहते थे। बालक रवीन्द्रनाथ के शिक्षकगण भी ऐसे ही थे। उनके एक अध्यापक तो बड़े ही कठोर थे। छोटी सी भूल के लिए रवीन्द्र को बड़ी कड़ी सजा देते थे। रवीन्द्र को खुले सिर धूप में भी खूब रहना पड़ता था।
Ravindranath Thakur had received very little education at school. The teachers of his school did not treat well with the students. During those days majority of teachers beat the students. They did not like to teach with affection. Child Ravindranath's teachers were also the same. One of his teachers was very harsh. They inflicted severe punishment to Ravindranath even for a minor mistake. Ravindra had to live in the sun bare headed;
2. विनोबा जी को आज भारत का प्रत्येक व्यक्ति जानता है। ये गाँव-गाँव में पैदल जाते हैं और जमीन वालों से जमीन माँगते हैं। इस तरह इनको बहुत जमीन मिली है। ऐसे जमीन को वे बिना जमीन वाले लोगों में बाँट देते हैं। विनोबा जी चाहते हैं कि हर परिवार को कुछ जमीन अवश्य रहे और सबको खाना, कपड़ा तथा घर मिले। सभी लोग विनोबा जी का आदर करते हैं ।
Everybody of India today knows Vinoba Vave. He goes from village to village on foot and asks for land from land-lords. In this way he has got much land. He distributes such land among the landless people. Vinobajee wants that every family must have some land and all should get food, clothes and house. All respect Vinobajee much.
3. एक समय गाँधी जी आगा खाँ महल में थे। सरोजिनी नायडू भी वहाँ थी। एक दिन सरोजिनी नायडू ने गाँधी जी से बैडमिन्टन खेलने को कहा। सरोजिनी नायडू के दाहिने हाथ में दर्द था, इसलिए उन्होंने रैकेट बायें हाथ से पकड़ा। गाँधी जी ने भी बायें हाथ से रैकेट पकड़ लिया। इस पर सरोजिनी नायडू हँस पड़ी और बोली, "बापू, आपने बायें हाथ से रैकेट क्यों पकड़ा ? मुझे तो दाहिने हाथ में दर्द है।" इस पर गाँधी जी कुछ लज्जित हुए पर तुरत उन्होंने जवाब दिया, "मैं आपके कष्ट का लाभ उठाना नहीं चाहता। ' "
Once upon a time Gandhi Jee was in Aga Khan palace. Sarojini Naidu was also there. One day Sarojini Naidu told Mahatma Gandhi to play badminton. There was pain in the right hand of Sarojini Naidu, so she caught the racket with left hand. Gandhi Jee also caught the racket with left hand. At this Sarojini Naidu laughed and spoke, 'Bapu, why did you catch the racket with left hand ? I have pain in my right hand." At this Gandhi Jee felt a little ashamed, but replied at once, I do not want to take advantage of your pain."
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4. वसंत आ गया है। फागुन और चैत के दो महीने को वसंत कहते हैं। यह ऋतु बड़ी सुहावनी होती है। यह मौसम न ज्यादा गर्म होता है और ठंढ़ा। पेड़ों में नयी पत्तियाँ निकल आती हैं। खेतों में फसलें पकने लगती हैं। सबलोग खुश जान पड़ते हैं। इसीलिए वसंत को ऋतुओं का राजा कहा गया है। वसंत की प्रशंसा में कवियों ने हजारों कवितायें लिखी हैं। इन सारी कविताओं गुलाब की सुन्दरता का वर्णन है। यथार्थ में गुलाब से वसंत की सुन्दरता बहुत बढ़ जाती है। में
Spring has set in. Fagun and Chait two months are called spring. This season is very pleasant. This season is neither very hot nor very cold. New leafs come out in the trees, Crops So spring has been called the king Pen in the fields. All seem happy. Poets have written thousand poems in praise of spring. There is description of the beauty of the rose in all these poems. In fact, the rose enhances the beauty of spring much.
5. बोध गया बिहार का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यह गया शहर से छः मील दक्षिण है। यहाँ एक बड़ा मन्दिर है। मन्दिर में भगवान बुद्ध की मूर्ति है। मन्दिर के चारों ओर मैदान खुला है। इसके पास ही पीपल का एक पेड़ है। इसी पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध ने प्रकाश पाया था। इसलिए बौद्ध इस स्थान को बड़ा पवित्र मानते हैं। यहाँ हर साल दूर-दूर देशों के लोग भगवान बुद्ध की पूजा करने आते हैं। यात्रियों के आराम के लिए यहाँ अच्छा प्रबंध है।
Bodh Gaya is a very famous place of pilgrimage. It is six miles south from Gaya town. There is a big temple. There is a statue of Lord Buddha in the temple. There is anopen field all around the temple. There is a 'pipal' tree near it. Lord Buddha had got light under this tree. Therefore, Budhists consider this place very holy. People from distant countries come here every year to worship Lord Buddha. There is good arrangement for the comfort of the pilgrims here.
6. तानसेन अकबर के दरबार के एक प्रसिद्ध गायक थे। अकबर उनका बहुत सम्मान करते थे। स्वामी हरिदास तानसेन के गुरु थे। एक दिन अकबर ने स्वामी हरिदास का गाना सुना और बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने तानसेन से कहा, "तानसेन, तुम्हारे गुरु का गाना जैसा मीठा होता है, वैसा तुम्हारा नहीं।" इस पर तानसेन ने जबाव दिया, "महाराज, इसका कारण है। मेरे गुरु जी तभी गाते जब वे चाहते हैं। किन्तु मुझे तो आप की आज्ञा पर गाना पड़ता
Tansen was a famous musician of the court of Akbar. Akbar respected him much. Swami Haridas was the teacher of Tansen. Oneday Akbar heard the song of Swami Haridas and became overjoyed. He said to Tansen, "Tansen, your song is not so sweet as your teacher's." At this Tansen replied" Your majesty, it has a reason, My teacher sings only when he likes. But I have to sing at your orders.
7. सारण जिले में सीवान एक शहर है। सीवान से थोड़ी ही दूर पर, जीरादेई नाम का एक गाँव है। उसी गाँव में राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर 1884 को हुआ था। उनका विद्यार्थी जीवन बड़ा ही शानदार था। कलकत्ता विश्वविद्यालय से इन्ट्रेन्स परीक्षा में सर्वोच्च स्थान पाने वाले ये प्रथम बिहारी थे। उन दिनों बंगाल एक बहुत बड़ा प्रान्त था। क्योंकि बिहार और उड़ीसा उसी के साथ थे और इन दोनों के लिए कलकत्ता ही एक विश्वविद्यालय था। इसलिए कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करना सचमुच गर्व की बात थी। राजेन्द्र बाबू बचपन से ही महान थे।
Siwan is a town in Saran district. There is a village named Jiradei at a little distance from Siwan. Rajendra Prasad was born in that village on 3rd December 1884. His student life was very glorious. He was the first Bihari to secure first position in the Intrance examination from Calcutta university. Those days Bengal was a very vast province because Bihar and Orissa were combined with it and Calcutta was the University for both the two. So to get the first position in Calcutta University was really a matter of pride. RajendraBabu was great from the beginning of his childhood. - 3
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- 10. जगरनाथ - केदारनाथ सिंह
- 11. पृथ्वी - नरेश सक्सेना
- 12. मातृभूमि - अरूण कमल
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