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Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution padyakhand chapter - 8 Saransh , (सरांश )
कक्षा - 11वी पद्खंड अध्याय - 8
बहुत दिनों के बाद
लेखक : नागार्जुन
नागार्जुन विचारधारा की दृष्टि से प्रगतिवादी कवि हैं। लेकिन उनकी कविता की जमीन का केन्द्र गाँव है। उनका गाँव मिथिलांचल का गाँव है जहाँ जलाशयों में तालमखान उपजता है, खेतों में धान उपजता है और घरों के आसपास मौलश्री जैसे ढेर सारे पेड़ होते हैं। इसके साथ यह भी सच है कि नागार्जुन यायावर कवि हैं। बाहर बाहर यत्र तत्र शहरों, यथा-पटना-दिल्ली में भी भटकते रहे। स्वभावतः जब वे लम्बे प्रवास के बाद गाँव जाते तो गाँव में उन्हें नयेपन की अनुभूति होती, ताजगी मिलती जिससे उनका कुलीन सुसंस्कृत सौन्दर्यबोधी मन ग्राम-सौन्दर्य की अनुभूति से तृप्त होता। ऐसे ही किसी लम्बे प्रवास के बाद गाँव लौटे नागार्जुन के सौन्दर्यबोधी मन की तृप्ति का अभिलेख है प्रस्तुत कविता 'बहुत दिनों के बाद ' । कवि ने इस कविता के एक-एक चरण में एक-एक इन्द्रियज संवेदना की तृप्ति का उल्लेख किया है। कवि कहता है कि बहुत दिनों बाद इस बार मैंने पकी सुनहली फसलों की मुस्कान देखी। यहाँ 'देखना' क्रिया का प्रयोग है जो चक्षु संवेदना का विषय होता है। चक्षु के द्वारा वस्तु का रूप-रंग दीखता है जो नेत्रों को प्रिय लगने पर सुख और तृप्ति प्रदान करता है। दूसरे छन्द में कवि बहुत दिनों के बाद इस बार गाँव में रहने के फलस्वरूप आँगन में धान कूटती किशोरियों के कंठ से निकली कोयल की वाणी के समान मीठी तान अर्थात् लययुक्त वाणी सुनने का सौभाग्य प्राप्त कर सका है। यहाँ कवि ने किशोरियों की मधुर वाणी का उल्लेख किया है। वाणी श्रवण का विषय होती है। अतः उसके द्वारा श्रवण संवेदना की तृप्ति होती है। यहीं यह भी स्पष्ट हो जाता है कि कवि द्वारा ऊपर जिस पकी सुनहली फसल का उल्लेख किया गया है। वह फसल अगहनी या धान की है। अतः कवि के ग्राम में निवास करने का समय शरद - हेमन्त ऋतु है, अगहन पूस का महीना है। तीसरे छन्द में कवि ने बहुत दिनों के बाद मौलश्री के ढेर सारे टटके अर्थात् ताजा फूलों को सूँघने के सुख का वर्णन किया है। सूँघना क्रिया से स्पष्ट है कि यहाँ गंध संवेदना का वर्णन है जो नासिका से प्राप्त होती है। चौथे छन्द में कवि ने बहुत दिनों के बाद गाँव की पगडंडी पर पड़ी चन्दन जैसी धूल को नंगे पावों से स्पर्श करने का सुख प्राप्त किया। साथ ही हाथों से भी जीभर उस धूल को छूने का सुख प्राप्त किया। यहाँ 'छूना' क्रिया के माध्यम से त्वचा द्वारा स्पर्श करने का वर्णन है। अतः इसमें त्विक संवेदना या स्पर्श संवेदना का उल्लेख है। पाँचवें छन्द में कवि ने उल्लेख किया है कि बहुत दिनों के बाद गाँव आने पर उसने जी भर तालमखाना खाया तथा गन्ने का रस चूसा। तालमखाना मिथिलांचल के तालाबों में उगाया जाता है। इसके मटर जैसे दानों को सुखाकर भूना जाता है जिससे लावा की तरह फूटकर वह निकल आता है। 'मखान' शब्द मख अन्न से निष्पन्न है जिसका अर्थ होता है यज्ञ में काम आने वाला अन्न। अतः यह पवित्र माना जाता है। मखान खाना और गन्ने चूसना दोनों जिह्वा के विषय हैं। जिह्वा के विषय की वस्तुएँ स्वाद संवेदना के अन्तर्गत आती हैं। अतः इस छन्द में स्वाद संवेदना की अभिव्यक्ति है। अंतिम छन्द में कवि ऊपर वर्णित सभी तत्त्वों का समाहार करते हुए कहता है कि बहुत दिनों के बाद इस बार गाँव में रहकर मैंने जीभर कर गंध, रूप, रस, शब्द और स्पर्श सब का एक साथ भोग किया। इससे मुझे धरती पर उपलब्ध प्रिय पदार्थों को जीभर भोगने का सुख प्राप्त हुआ।
समग्रतः इस कविता के माध्यम से नागार्जुन यह बतलाना चाहते हैं कि मनुष्य को भौतिक सुख-साधनों से तृप्ति इन्द्रियों के माध्यम से प्राप्त होती है। इन्द्रियाँ दस हैं जिनमें भौतिकता से जुड़ी इन्द्रियाँ हैं आँख, नाक, कान, जीभ और त्वचा। इन पाँचों की सहायता से हम क्रमशः देखते, सूँघते, सुनते, स्वाद लेते तथा स्पर्शजनित बोध प्राप्त करते हैं। कवि ने गाँव में इन इन्द्रियों का सुख प्राप्त किया है। उसने जिन सुखप्रदाता उपादानों का उल्लेख किया है वे सभी सुन्दर हैं। इनके द्वारा लोकजीवन का बोध होता है। आंचलिक स्पर्श के कारण अपनी माटी के प्रति कवि का अनुराग भी व्यक्त होता है। इन विशेषताओं के कारण यह नागार्जुन की लोक-चेतना सम्पन्न मनोरम कविता मानी जायेगी।
Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution padyakhand chapter - 8 Objective (स्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर )
(i) नागार्जुन बिहार के किस क्षेत्र के निवासी हैं ?
(क) मिथिलांचल
(ख) वज्जिकांचल
(ग) भागलपुर
(घ) पटना
उत्तर – क |
(ii) नागार्जुन बहुत दिनों के बाद कहाँ पहुँचे ?
(क) शहर
(ख) अपने गाँव
(ग) विदेश
(घ) कही नहीं
उत्तर – ख |
(iii) नागार्जुन ने कौन-सा पदार्थ खाया ?
(क) आम
(ख) चना
(ग) तालमखान
(घ) मिठाई
उत्तर – ग |
(iv) नागार्जुन ने बहुत दिनों के बाद किस पदार्थ का रस लिया ?
(क) गन्ना
(ख) अनार
(ग) कटहल
(घ) नींबू
उत्तर – क |
(v) नागार्जुन के गाँव की धूल कैसी है ?
(क) चन्दनवर्णी
(ख) साधारण
(ग) नीलवर्णी
(घ) कमलवर्णी
उत्तर – क |
(vi) नागार्जुन ने गाँव में किस पुष्प की गन्ध ली ?
(ख) मौलश्रीरी
(क) कमल
(ग) गेंदा
(घ) गुलाब अभ्यास प्रश्नोत्तर
उत्तर – ख |
Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution padyakhand chapter - 8 Very Short Quetion (अतिलघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर )
(1) बहुत दिनों के बाद कवि ने किस वस्तु को देखकर आँखों का सुख प्राप्त किया ?
उत्तर – पकी सुनहली फसलों की मुस्कान को देखकर।
(2) बहुत दिनों के बाद कवि को क्या सुनने का सुख प्राप्त हुआ ?
उत्तर – गाँव में धान कूटती हुई किशोरियों के कोकिल कंठ से निकली तान सुनकर
(3) बहुत दिनों के बाद कवि ने किस वस्तु की गन्ध का सुख प्राप्त किया ?
उत्तर – मौलश्री के ढेर सारे टटके फूलों की गन्ध का।
(4) बहुत दिनों के बाद कवि ने कहाँ की धूल का स्पर्श-सुख प्राप्त किया ?
उत्तर – अपने गाँव की चन्दनवर्णी धूल को स्पर्श करने का सुख प्राप्त किया।
(5) बहुत दिनों के बाद कवि ने किस वस्तु का स्वाद प्राप्त किया ?
उत्तर – ताल मखाने को खाने का और गन्ने को चूसने का।
Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution Padyakhand chapter - 8 Short Quetion (लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर )
प्रश्न- 1. बहुत दिनों के बाद कवि ने क्या देखा और क्या सुना ?
उत्तर- बहुत दिनों के बाद कवि ने पकी सुनहली फसलों की मुसकान देखी और धान कूटती किशोरियों की कोकिल कंठी तान सुनी।
प्रश्न - 2. कवि ने अपने गाँव की धूल को क्या कहा है ? और क्यों ?
उत्तर कवि ने अपने गाँव की धूल को चन्दन वर्णी धूल कहा है। इससे धूल की पवित्रता और उसकी सुरभि दोनों का बोध होता है। कवि उसी धूल में लेटकर खेलकर बड़ा हुआ है। अतः वह धूल माँ की गोद की तरह श्रेष्ठ है। इसी श्रेष्ठता और पावनता का बोध कराने के लिए उसे चन्दनवर्णी कहा है।
प्रश्न - 3. कविता में 'बहुत दिनों के बाद पंक्ति बार-बार आई है। इसका क्या औचित्य है ? इसका महत्त्व बताएँ।
उत्तर- बहुत दिनों के बाद पद छह बार आया है। किसी पद की आवृत्ति का औचित्य भावावेग, प्रसन्नता, आह्लाद और सराहने की विशेषता से जुड़ा होता है। कवि बहुत दिनों के बाद गाँव आया है। अत: सब कुछ नया और असीम तृप्तिदायक अनुभव हो रहा है। वह उनकी सराहना करते अधा नहीं रहा है। इसी न अघा पाने की अतृप्ति को व्यक्त करने के लिए छह बार बहुत दिनों के बाद पद का प्रयोग हुआ है।
प्रश्न - 4. पूरी कविता में कवि अत्यंत उल्लसित है। इसका क्या कारण है ?
उत्तर कवि के उल्लास का कारण उसका गँवई संस्कार है जो गाँव को माँ की गोद की तरह स्नेहपूर्ण मानता है। उसे हर चीज आह्लादक अतिशय तृप्ति और नूतन आकर्षण से परिपूर्ण लग है। इसीलिए वह हर्षित है।
प्रश्न- 5. "अब की मैंने जी-भर भोगे गंध-रूप-रस-शब्द-स्पर्श सब साथ-साथ इस भू-पर इन पंक्तियों का मर्म उद्घाटित करें।
उत्तर कवि ने इस बार गाँव आकर जो सुख जी भर कर भोगा है वह रूप, रस, गंध शब्द और स्पर्श का विषय है। इसे प्रत्येक छन्द में अलग अलग व्यक्त किया गया है। वह इस प्रकार है।
- गन्ध – यह सूँघने का अर्थात् नासिका का विषय होता है। कवि ने इस बार मौलसिरी के ढेर सारे ताजे फूलों को सूँघा है।
- रूप – यह जिह्वा का विषय होता है। कवि ने बहुत दिनों के बाद जी भर कर ताल मखाना खाया है और गन्ने चूसे हैं।
- शब्द - यह श्रवण का विषय होता है और सुनने द्वारा सुख पहुँचाता है। उसने जी भर कर धान कूटती किशोरियों के कोकिल के स्वर की भाँति मीठे स्वर में गीत सुनकर यह सुख प्राप्त किया है।
- स्पर्श – यह त्वचा का विषय होता है और छूकर इसका सुख पाया जाता है। कवि ने अपने गाँव की पगडंडी को जी भर कर छूने का सुख प्राप्त किया है।
प्रश्न - 6. इस कविता में ग्रामीण परिवेश का कैसा चित्र उभरता है ?
उत्तर-इस कविता में ग्रामीण जीवन के बहुआयामी सौन्दर्य का चित्र उभरा है। गन्ने और ताल मखाने से भरे मिथिलांचल में अगहन के बाद का गाँव चित्रित हुआ है। वहाँ गाँव की किशोरियाँ मधुर स्वर में गीत गाती हुई धान कूट रही हैं। खेतों में धान की पकी फसल मुस्कान बनकर बिखर रही हैं। मौल श्री आदि पुष्पों से गाँव का वातावरण महमह कर रहा है। इस तरह इस कविता में चित्रित गाँव भरपूर फसल से सम्पन्न और प्राकृतिक शोभा से जगमगा रहा है।
प्रश्न - 7. 'धान कूटती किशोरियों की कोकिल-कंठी तान' में जो सौंदर्य चेतना दिखलाई पड़ती है, स्पष्ट करें।
उत्तर - धान कूटना एक सामान्य ग्रामीण चित्र है। धान की कटनी के साथ उन्हें कूटने का कार्य प्रारंभ हो जाता है। श्रम परिहार के लिए लोकगीत गाना भी स्वाभाविक कार्य है। इस तरह इस पंक्ति में प्रथम तो एक स्वाभाविक ग्राम चित्र है जिसमें श्रवणेन्द्रिय सुख और मौखिक गान की माधुरी की युगल बन्दी है । अतः इसमें श्रावणिक और चाक्षुष दोनों बिम्बों का मेल है। तान के साथ कोकिल कंठी विशेषण से संगीत की मधुरता और लोकगीतों का प्रभाव व्यक्त हो रहा है। धान फूटने को है अतः यह पंक्ति इस बात को प्रमाणित करती है कि ग्रामीण गीतों में जातीय जीवन की माधुरी कर्म के साथ व्यक्त होती है।
प्रश्न - 8. कविता में जिन क्रियाओं का उल्लेख है वे सभी सकर्मक क्रियाएँ हैं। सकर्मक क्रियाओं का सुनियोजित प्रयोग कवि ने क्यों किया है ?
उत्तर- सकर्मक क्रियाओं का सुनियोजित प्रयोग ऐन्द्रिय अनुभवों रूप-रस-गन्ध- शब्द-स्पर्श की श्रृंखला सजाने के लिए किया गया है। कविता का लक्ष्य बहुत दिनों के बाद गाँव आकर कवि द्वारा ग्रामीण जीवन और प्रकृति का भरपूर सुख प्राप्ति का वर्णन है। यह प्राप्ति कर्म के योग से ही गाँवों में संभव है। अतः सुख भोग की कर्मण्यता ने कवि को सकर्मक क्रियाओं के विनियोग हेतु प्रेरित किया है।
प्रश्न - 9. कविता के हर बंद में एक-एक ऐंद्रिय अनुभव का जिक्र है और अंतिम बंद में उन सबका सार समवेत कथन है ? कैसे ?
उत्तर- कविता के प्रथम बन्द में फसल की मुस्कान देखने का वर्णन है जो चक्षु का विषय है। इसे कवि ने अंतिम बंद में रूप शब्द से कहा है। दूसरे बंद में किशोरियों की कोकिल कंठी तान का वर्णन है जो श्रवण का विषय है, यह 'शब्द' शब्द के द्वारा व्यक्त हुआ है। तीसरे बंद में सूंघने का वर्णन है जो गन्ध संवेदना का विषय है और यह नासिका से ग्रहण होता है। इसे गंध शब्द द्वारा कहा गया है। चौथे बन्द में गाँव की चन्दन वर्णी धूल को छूने का वर्णन है जो पैरों-हाथों द्वारा छुआ जाता है। अतः यह स्पर्श का विषय है। पाँचवें बन्द में तालमखाना खाने और गन्ना चूसने का वर्णन है स्वाद का विषय होता है और जिह्वा द्वारा ग्रहण किया जाता है। रसना यानी जिह्वा द्वारा गृहीत होने के कारण यह रस शब्द से व्यक्त हुआ है। अंतिम बन्द में इन पाँचों ऐन्द्रिय अनुभवों को पाँच शब्दों के द्वारा निम्न रूप में पिरो दिया गया है गंध - रूप - रस - शब्द स्पर्श सब साथ-साथ इस भू पर "मैंने जी भर भोगे । "
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Bihar board class 11 Hindi book solution padyakhand chapter - 8 Hindi Grammar (भाषा की बात )
प्रश्न - 1. कोकिल कंठी चंदनवर्णी में कौन-सा अलंकार है ?
उत्तर- कोकिलकंठी और चंदनवर्णी में उपमा अलंकार है।
प्रश्न - 2. 'मैंने' सर्वनाम के किस भेद के अंतर्गत है ?
उत्तर- ' मैनें' पुरुष वाचक सर्वनाम के अन्तर्गत उत्तम पुरुष सर्वनाम है।
प्रश्न - 3. निम्नलिखित शब्दों को तत्सम, तद्भव, देशज और विदेशज समूहों में विभक्त करें –
प्रश्न- 4. सकर्मक और अकर्मक क्रिया में क्या अंतर है ? सोदाहरण स्पष्ट करें।
उत्तर- सकर्मक क्रिया के साथ कर्म का प्रयोग होता है जबकि अकर्मक क्रिया में कर्म का प्रयोग नहीं होता है।
प्रश्न- 5. निम्नलिखित शब्दों के लिए प्रयुक्त विशेष्य बताइए
उत्तर –
- कोकिल कंठी – तान
- पकी सुनहली – फसल
- चन्दनवर्णी – धूल
- ताजे टटके – फूल
- धान कूटती – किशोरियाँ
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Bihar board class 11 Hindi book solution Padyakhand chapter - 8 Hindi Grammar (व्यख्या )
(i) बहुत दिनों के बाद..........................साथ-साथ इस भू पर।
प्रस्तुत पंक्तियाँ प्रगतिवादी कवि नागार्जुन की कविता "बहुत दिनों के बाद" से ली गयी हैं। कवि ने इस कविता में बहुत दिनों के बाद गाँव में रहकर विविध वस्तुओं का सुख भोगने की स्थिति का वर्णन किया है। कवि कहता है कि बहुत दिनों के बाद इस बार गाँव में रहकर रूप, रस, गन्ध, शब्द और स्पर्श का भरपूर सुख लिया। कवि ने कविता के प्रथम छन्द में पकी सुनहली फसल की मुस्कान का सुख भोगने की बात कही है जो नये सुख के अन्तर्गत आता है। अतः रूप है। दूसरे छन्द में गाँव की किशोरियों द्वारा धान कूटने के समय कोकिल कंठ से गीत गाने या मधुर वार्तालाप करने का वर्णन किया है जो श्रवण सुख का विषय है। यही शब्द है। तीसरे छन्द में मौलश्री के ताजा पुष्पों की गंध सूँघने का वर्णन है जो घ्राण सुख का विषय है। अतः गन्ध है। चौथे छन्द में गाँव की चन्दनी माटी छूने का वर्णन है जो स्पर्श का विषय है। पाँचवें छन्द में तालमखान खाने और गन्ने का रस चूसने का उल्लेख है जो रस के अन्तर्गत है। यह स्वाद संवेदना का विषय है। इस तरह इस छन्द में पूर्व के पाँच छन्दों में वर्णित विषयों का समाहार हो गया है। पूर्व के पाँच छन्दों में क्रमश: रूप, शब्द, गन्ध, स्पर्श और रस की व्याख्या है और इस छन्द में इन पाँचों को सूत्र रूप में पिरो कर कहा गया है। इस तरह सूत्र शैली में तथ्य-कथन के कारण ये पंक्तियाँ महत्त्वपूर्ण हैं।
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