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Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution chapter - 9 Saransh , (सरांश )
कक्षा - 11वी गद्यखंड अध्याय - 9
एक दीक्षांत भाषण
लेखक : हरिशंकर परसाई
हरिशंकर परसाई हिन्दी के प्रख्यात व्यंग्यकार हैं। उन्होंने अपने व्यंग्य लेखों में सामयिक परिस्थितियों और देश के राजनीतिक सामाजिक शैक्षिक तथा नैतिक मूल्यों में गिरावट पर व्यंग्य किया है। इन व्यंग्यों में सजीवता तथा रोचकता है और है आलम्बन को इस तरह आहत कर देने की क्षमता कि जिस पर व्यंग्य किया जाता है वह समझ नहीं पाता कि "खाऊँ किधर की चोट बचाऊँ किधर की चोट।" प्रस्तुत व्यंग्य रचना उनकी पुस्तक "शिकायत मुझे भी है" से गृहीत है। एक विश्वविद्यालय के अपने उत्तीर्ण छात्रों के बीच डिग्री वितरित करनी है अतः उसने दीक्षान्त समारोह आयोजित किया है। इसमें एक मंत्री द्वारा दीक्षान्त भाषण दिया जाता है। उसी की व्यंग्यात्मक प्रस्तुति है। इसके माध्यम से लेखक यह बताना चाहता है कि एक ओर छात्र समाज अपने लक्ष्य से दूर हो गया है। अतः न उसमें निष्ठा है, न अनुशासन। वह छात्रत्व का अधिकारी नहीं रहा। दूसरी ओर, देश के सारे नेता, मंत्री अयोग्यता के अवतार हैं। ऐसी स्थिति में शिक्षा की दुर्गति अपने चरम पर पहुँच गयी है। मंत्री जिन-जिन बातों का उल्लेख करता है वह सब आजकल के मंत्रियों, नेताओं और छात्रों पर घटित है। अत: यह व्यंग्य दुतरफा मार करता है और सबको अपने भीतर झाँकने के लिए विवश करता है। हद तो यह है कि इसमें एक भी वक्तव्य या वर्णन झूठ नहीं है और सबके भीतर व्यंग्य की तीखी धार है, सूई की चुभन है और इसके माध्यम से देश की शिक्षा की दुर्गति का नग्न चित्रण है। समारोह के मुख्य अतिथि मंत्री का पहला वक्तव्य है कि समारोह में छात्रों से ज्यादा सिपाही हैं। यह आजकल के समारोहों का सच है और यह बतलाता है कि छात्र इतने अराजक हो गये हैं कि बिना पुलिस बल प्रयोग के वे अनुशासित रह ही नहीं सकते हैं। छात्रों की अनुशासनहीनता और अराजक मानसिकता पर व्यंग्य करते हुए नेता के मुख से लेखक कहता है कि हमें खुशी होगी जब आपके बाथरूम में भी आपको अनुशासित रखने हेतु एक सिपाही खड़ा करना होगा छात्रों ने सचमुच अपनी अराजकता से ऐसा माहौल बनाया है कि बिना पुलिस के विश्वविद्यालय चलाना असंभव है। विद्या मंदिर छात्र के नाम पर असामाजिक तत्त्वों का चारागाह है और पुलिस के जिम्मे विधि व्यवस्था कायम रखने का उत्तरदायित्व। यह स्थिति छात्रों ने स्वयं पैदा की है, वे ही इसके उत्तरदायी हैं। मंत्री स्पष्ट शब्दों में कहता है कि मैं विद्वान नहीं हूँ। मगर मैं इसलिए दीक्षान्त भाषण करने आया हूँ कि यदि विश्वविद्यालय नहीं बुलाता तो मैं ग्रान्ट बन्द करा देता और पढ़ाई-लिखाई ठप हो जाती। अत: विश्वविद्यालय ने विद्वान के नाते नहीं अपनी लाचारी के कारण मुझे आमंत्रित किया है। मंत्री जब कहता है कि मैं अपढ़ जनता से हूट होते होते ऊब गया हूँ अतः यहाँ पढ़े लिखे लोगों द्वारा हूट होने पर काफी ताजगी अनुभव कर रहा हूँ तो वह वस्तुतः छात्रों को यह बताना चाहता है कि आप में और अपढ़ गँवार जनता में कोई अन्तर नहीं है। लड़कों को यह कहकर पूरी तरह अपमानित करता है कि आप की जो मानसिकता है उसके अनुसार वृहस्पति भी आकर व्याख्यान दें तो वे हूट हो जायेंगे। लेखक सीधे कहना चाहते हैं कि छात्र पढ़े-लिखे ज्ञान नहीं ज्ञान के शत्रु मंत्री जितना छात्रों पर व्यंग्य करता है उतना ही अपने पर। वह बताता है कि हम देश का वर्तमान बिगाड़ रहे हैं ताकि आप जो देश के भविष्य हैं, वे भविष्य को बनावें। यदि कुछ बिगड़ा हुआ नहीं रहेगा तो आप क्या बनावेंगे ? लेखक प्राय: देखता है कि छात्र टिकट में छूट पाने के लिए सिनेमा के गेट कीपर, बस के कंडक्टर आदि से प्राय: संघर्ष करते हैं और उनका यह आचरण कभी आन्दोलन का तो कभी तोड़-फोड़ का रूप ले लेता है। यह क्षुदता, स्वार्थ और अराजकतावादी चरित्र है, समाज और शासन के लिए अकारण समस्या पैदा करने को मनोवृत्ति है। मगर लेखक व्यग्य इसे छात्रों की क्रान्तिकारिता कहता है और मंत्री चाहता है वे इन्हीं टुच्चे मसलों से उलझे रहें। क्योंकि जिस दिन वे मूलभूत दिन देश बिगाडू नेताओं का सफाया हो जायेगा। समस्याओं से टकराने हेतु क्रान्ति करेंगे उस अपने संदेश में भी प्रथमत: छात्रों को सत्य का साथ उसी तरह नहीं छोड़ने के लिए कहता है जिस तरह उसने सत्ता रूपी सत्य को दाँत से पकड़ लिया तो दल बदल कर, ईमान ताक पर रखकर जिस पार्टी का मंत्रिमंडल रहा उसी में घुसकर मंत्रीपद पा गया। यहाँ लेखक ने दलबदलू नेताओं पर व्यंग्य किया है। दूसरे सन्देश में कहता है कि आप राजनीति में भाग न लें अन्यथा हमें राजनीति से निकल जाना पड़ेगा। आप चरित्रवान, ईमानदार और देश के सच्चे सपूत बनें। आप न बनेंगे तो हमें बनना पड़ेगा जो हमारे लिए असंभव है। देश को आपका भरोसा है। आप पर नहीं करेगा तो हम पर करना पड़ेगा और यह देश के लिए अच्छा नहीं होगा, देश डूब जायेगा। अन्त में वह बताता है कि आज मुझे भी डाक्टरेट की डिग्री मिलेगी सम्मान के रूप में। बिना पढ़े लिखे डिग्री पाने को इच्छा पूरी होगी अन्यथा मैं तो कम्पाउण्डर के लायक भी नहीं हूँ। इस निबन्ध के अनुशीलन से स्पष्ट है कि लेखक ने तीन बिन्दुओं पर व्यंग्य किया है। प्रथम छात्रों पर जिनको कुकृपा से देश के सारे विश्वविद्यालय पुलिस छावनी बन गये हैं। दूसरा व्यंग्य नेताओं पर किया है जो अयोग्यता की खान हैं। जिनकी कृपा से देश से ईमान, चरित्र, ज्ञान सब विदा हो गये हैं। तीसरा व्यंग्य विश्वविद्यालयों की विवशता पर है जो ग्रान्ट पाने के लोभ से अयोग्य नेताओं मंत्रियों से न केवल दीक्षान्त भाषण कराते हैं अपितु उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि देकर उपाधियों का अवमूल्यन करते हैं। 'यह व्यंग्य शिक्षा जगत के अशैक्षिक माहौल, छात्रों के अशैक्षिक आचरण और शिक्षा के क्षेत्र में अयोग्य अल्पशिक्षित राजनेताओं की दखलान्दाजी से उत्पन्न विकृतियों पर प्रहार करता है और बतलाता है कि हमारे विश्वविद्यालय पतन के गर्त में गिर चुके हैं और शिक्षा के नाम पर शिक्षा का मजाक उड़ाया जा रहा है। ।
Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution chapter - 9 Objective (स्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर )
(i) एक दीक्षान्त भाषण किस विद्या की रचना है ?
- (क) कहानी
- (ख) व्यंग्य निबन्ध
- (ग) लेख
- (घ) रिपोर्ताज
Answer ⇒ ख |
(ii) अच्छी लड़कियाँ जानवर की बोली बोलने वाले युवकों से क्या करती हैं ?
- (क) प्रेम
- (ख) घृणा
- (ग) परिहास
- (घ) कुछ नहीं
Answer ⇒ क |
(ii) लेखक के अनुसार नेता देश का क्या बिगाड़ रहे हैं ?
- (क) वर्तमान
- (ख) भविष्य
- (ग) भूत
- (घ) नाम
Answer ⇒ क |
(iv) मंत्री की दृष्टि में युवक क्या है ?
- (क) क्रान्तिकारी
- (ख) भ्रष्टाचारी
- (ग) बेकार
- (घ) मूर्ख
Answer ⇒ क |
(v) मंत्री विश्वविद्यालय के किस समारोह में भाषण देने आये हैं ?
- (क) सेमिनार
- (ख) सिनेट की बैठक
- (ग) विद्वत् परिषद
- (घ) दीक्षान्त
Answer ⇒ घ् |
(vi) मंत्री जी के अनुसार उनके जीवन का सत्य क्या है ?
- (क) मंत्री बनना
- (ख) देशभक्त बनना
- (ग) विद्वान बनना
- (घ) कुलपति बनना
Answer ⇒ क |
(vii) दीक्षान्त समारोह का आयोजन किसके द्वारा किया जाता है ?
(क) स्कूल
(ख) कॉलेज
(ग) विश्वविद्यालय
(घ) विधानसभा
Answer ⇒ ग |
(viii) अगर छात्र ईमानदार और सपूत न बनेंगे तो किसको बनना पड़ेगा ?
(क) मंत्री को
(ख) कुलपति
(ग) शिक्षक
(घ) जनता
Answer ⇒ क |
(ix) मंत्री जी अपने सन्देश में छात्रों को किस काम में भाग लेने से मना करते हैं ?
(क) राजनीति
(ख) पढ़ाई
(ग) उपद्रव
(घ) व्यापार
Answer ⇒ क |
Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution chapter - 9 Very Short Quetion (अतिलघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर )
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Bihar board class 11 Hindi book solution chapter - 9 Short Quetion (लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर )
Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution chapter - 9 Hindi Grammar (भाषा की बात )
- पुलिस मैन = आरक्षी
- बाथरूम = स्नानागार सह शौचालय
- रिफ्रेशिंग = ताजगी देनेवाला
- गेटकीपर = दरबान
- डाक्टर = चिकित्सक
- शोरगुल = शोर और गुल = द्वन्द समास
- हल्ला गुल्ला = गुल्ला और गुल्ला = द्वन्द्व समास
- बस कंडक्टर = बस का कंडक्टर = षष्ठी तत्पुरुष
- नवयुवक = नया युवक = कर्मधारय
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