Bihar board Exam || Bihar board Class 11 Book Solution || Raj singh Classes
Follow Me - YouTube || Facebook || Instagram || Twitter || Telegram
Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution chapter -6 Saransh (सरांश )
कक्षा - 11वी गद्यखंड अध्याय - 6
मेरी वियतनाम यात्रा
लेखक : भोला पासवान शास्त्री
'मेरी वियतनाम यात्रा' लेखक भोला पासवान शास्त्री लिखित एक यात्रा-वृत्तांत है। भोला पासवान शास्त्री राजनेता थे और बिहार सरकार में मुख्यमंत्री तथा केन्द्र सरकार में मंत्री रहे। इस आलेख में उन्होंने अपनी वियतनाम यात्रा का वर्णन किया है। वियतनाम के प्रति उनके आकर्षण का केन्द्र वहाँ के स्वाधीनता सेनानी तथा राष्ट्रपति हो-ची-मीन्ह हैं। वियतनाम जाने के लगभग 40 वर्ष पूर्व उन्होंने किसी पत्रिका में हो-ची-मीन्ह का पेंसिल स्केच देखा था जिसने उन्हें अभिभूत किया, वह व्यक्तित्व उन्हें फेफड़ों में प्राणवायु फूंकने वाला, सव्यसाची और राजनीतिक फकीर जैसा महामानव या मसीहा लगा। उन्हें लगा कि कोई निधि मिल गयी हो। हो-ची-मीन्ह की यह तस्वीर उनके हृदय को अन्तः सलिला फल्गु नदी की तरह सींचती रही। वर्षों बाद जब वे केन्द्र में मंत्री या सांसद हुए तो वियतनाम जाने का अवसर मिला।
दिल्ली से 'यात्रा शुभ हो' की कामना के साथ विदा हुए। वहाँ से पहली उड़ान बैंकाक तक की थी। हवा में यात्रा करते समय एक तो जिन्दगी का हर कदम मंजिल है" की दार्शनिकता का उदय हुआ। दूसरे, धरती के कर्म-कोलाहल से दूर हजारों फीट की ऊँचाई पर आसमान का स्वच्छ शान्त वातावरण मिलते ही अनेक मधुर स्मृतियाँ तितलियों की भाँति, मानस-पटल पर उड़ती हुई आने जाने लगीं। अपनी स्मृतियों में खोया लेखक यथासमय बैंकाक पहुँच गया। बैंकाक थाइलैंड की राजधानी है। हवाइ अड्डे से लेखक को शहर में ले जाकर 'होटल ओरियंट' में ठहराया गया। वहाँ सुखद रात्रि विश्राम हुआ। दूसरे दिन ग्यारह बजे हवाई अड्डा पहुँचा। वहाँ 'हांगखोंग' नामक वियतनामी विमान से यात्रा प्रारम्भ हुई। धीरे-धीरे शहर ओझल हो गया। कुहासे के बीच मार्ग में यत्र-तत्र गाँव के खेत खलिहान आदि नजर आते रहे। डेढ़ घंटे के बाद विमान एक बड़ी नदी पर से गुजरा जिसका नाम 'मैंकांग' नदी है। यह नदी वहाँ 'महागंगा' नाम से ख्यात है। इस नदी को देखकर भी लेखक को वैसी ही आध्यात्मिक तृप्ति अनुभव हुई जैसी हो-ची-मीन्ह के रेखाचित्र को देखकर हुई थी। रास्ते में बीस मिनट के लिए वेचियन हवाई अड्डे पर रुककर विमान ‘हानोई' पहुँचा। हानोई वियतनाम की राजधानी है। यहाँ हवाई जहाज से उतरते ही वहाँ वियतनामी पीपुल्स पार्टी के कार्य कर्ताओं तथा पदाधिकारियों ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। वहाँ से लेखक सहित शिष्टमंडल के सभी सदस्य शहर की ओर ले जाये गये। वहाँ अतिथिशाला में रहने की व्यवस्था थी। अतिथिशाला पहुँचने पर बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों ने गुलदस्ते दे देकर स्वागत ने किया। वहाँ थकान मिटाने के लिए सुधित गर्म रूमाल दिया गया तथा चाय दी गयी। शाम को लेखक अन्य सदस्यों के साथ शहर घूमने गया। हानाई शहर में चार-पाँच झीलें हैं। इसीलिए उसे झीलों का शहर कहा जाता है। वहाँ लेखक ने साइकिलों की अधिकता देखी। अत: उसकी दृष्टि में हानाई झीलों और साइकिलों का शहर अनुभव हुआ। । दूसरे दिन लेखक ने हो-ची-मीन्ह मसोलियम देखा जहाँ हो-ची-मीन्ह के शव को लिटाया हुआ है। ऐसा लगता है जैसे वे सोये हैं और शीघ्र जाग पड़ेंगे। वह स्थान स्वभावतः शान्ति और पवित्रता का अनुभव हुआ । उसके बाद लेखक ने जो कुछ देखा उसमें राष्ट्रपति आवास और हो-ची-मीन्ह का अपना घर महत्वपूर्ण है। दोनों भवन छोटे, साधारण और सादगी के नमूने हैं जो राष्ट्रपति हो-ची-मीन्ह की सहजता और राष्ट्र के प्रति आत्मीयता का प्रमाण है। वहाँ उनकी खाट, तकिया बिछावन, छड़ी आदि संरक्षित हैं जो राजनेताओं को 'सादा जीवन उच्च विचार' का पाठ पढ़ाते हैं। हो-ची-मीन्ह जीवन भर उन कामों को करते रहे जिनका उन्हें अभ्यास था। राष्ट्रपति के प में भी वे फकीर थे। उनका अपना भवन राष्ट्र को समर्पित है। वह राष्ट्र की धरोहर है। वहाँ हाने पर राष्ट्र की आत्मा का साक्षात्कार होता है।
निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि भोला पासवान शास्त्री ने इस यात्रा वृतान्त के माध्यम से एक ओर तो हो-ची-मीन्ह के सागदी भरे महान व्यक्तित्व का परिचय दिया है वहीं दूसरी तरफ वियतनाम की सादगी भरी साम्यवादी जिन्दगी का चित्र उरेहा है। इन सबके ऊपर उस स्वर को प्रतिष्ठित किया है जिसे राष्ट्रीयता कहते हैं और जिसके बल पर कोई राष्ट्र जीवित रहता है।
Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution chapter - 6 Very Short Quetion (अतिलघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर )
प्रश्न-1. राष्ट्रपति के रूप में हो-ची-मीन्ह जिस मकान में रहते थे वह कैसा है?
उत्तर- वह आम नागरिकों के मकान की तरह साधारण भवन है। दो कमरे और चारों तरफ बरामदा। वहाँ उनके बिछावन, पुस्तकें और छोटी-मोटी चीजें हैं। वह अब राष्ट्रीय स्मारक है।
प्रश्न-2. हो-ची-मीन्ह ने वियतनाम को क्या दिया है ?
उत्तर- हो-ची-मीन्ह ने वियतनाम को आजादी दी। उन्होंने क्रांति, बलिदान और त्याग का पैगाम दिया तथा आजादी के लिए सतत संघर्षशील रहने की प्रेरणा दी।
प्रश्न-3. लेखक को विमान में अचानक कान में दर्द क्यों महसूस हुआ ?
उत्तर- विमान यात्रा के क्रम में लेखक प्रायः कान के दर्द का शिकार हो जाता है। यह उसका शारीरिक लक्षण है।
प्रश्न-4. हो-ची-मीन्ह की तस्वीर की लेखक पर कैसी छाप पड़ी ?
उत्तर- तस्वीर की जीवन्तता और प्रभावकारिता सतत मानस पटल पर अंकित रही और अंतः सलिला की तरह उसके हृदय को सतत सींचती रही।
प्रश्न-5. मेकांग नदी वियतनाम में किस दूसरे नाम से प्रसिद्ध है ?
उत्तर- मेकांग वियतनाम में महागंगा नाम से भी मशहूर है। वह वहाँ की एक बड़ी नदी है।
Class 11 Hindi Book Solution
Bihar board class 11 Hindi book solution chapter - 6 Very Short Quetion (लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर )
1. हो-ची-मीन्ह का रेखाचित्र देखकर लेखक की प्रतिक्रिया : किसी पत्रिका में छपे हो-ची-मीन्ह का पेंसिल स्केच देखकर लेखक को लगा कोई निधि पा ली हो। उसका चित्त प्रसन्न हो उठा। दुबला-पतला आदमी जो सादगी का नमूना लगा। लेकिन व्यक्तित्व बड़ा प्रभावकारी, प्रेरणाप्रद और जादूई। लगा फेफड़ों में प्राणवायु फूंकनेवाला कोई मसीहा है, महामानव है। हो-ची-मीन्ह का यह प्रभावशाली व्यक्तित्व लेखक के मन पर अमिट छाप छोड़ गया और अन्त: सलिला फल्गु नदी की तरह उसके हृदय को सतत सींचता रहा।
2. हानोई शहर : हानोई वियतनाम की राजधानी है। वहाँ चार-पाँच झीले हैं अत: लेखक के अनुसार वह झिलों का शहर है। लेखक को वहाँ झुंड के झुंड लोग साइकिलों पर इधर-उधर जाते दिखे।इसलिए उसने इसे साइकिलों के शहर के रूप में अनुभव किया। यह शहर रेड रीवर (लान नदी) के किनारे पर स्थित है। निष्कर्षतः लेखक की दृष्टि में हानोई झीलों और साइकिलों का नगर है।
3. हो ची-मीन्ह मसोलियम : यह वह भवन है जिसमें हो-ची-मीन्ह का पार्थिव शरीर रखा हुआ है। वहाँ तेज रोशनी थी। शव को चित्त लिटाया हुआ है। माथा जरा एक ओर झुका हुआ, एक हाध जांघ पर रखा हुआ। पैंट शर्ट पहने हुए। लहसुननुमा दुबली पतली दाढ़ी और मूंछ। लेखक को अनुभव हुआ कि वे तन्द्रावस्था में हैं, एक द्रष्टा की तरह विचारमग्न। यह वियतनाम का एक अति महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय स्मारक है।
प्रश्न-1, हो-ची-मीन्ह की तस्वीर अंत:सलिला फल्गू नदी की तरह लेखक के हृदय को सींचती रही है। लेखक हो-ची-मीन्ह से इतना प्रभावित क्यों है ?
उत्तर- अध्यात्म मानता है कि मनुष्य के बाह्य शरीर के भीतर एक ज्योति-रूप आध्यात्मिक तन होता है। यह ज्योति-रूप शरीर अनुकूल लोगों को आकर्षित करता है और प्रतिकूल लोगों को विकर्षित करता है। संस्कार से स्वाधीनता प्रेमी, भारतीय मानसिकता वाले सहज व्यक्तित्व के धनी भोला पासवान शास्त्री ने जब हो-ची-मीन्ह के चित्र को पहली बार देखा तो उन्हें उत्फुलता अनुभव हुई, वह चित्र फेफड़ों में प्राणवायु फूंकनेवाला लगा। चमत्कारी, तेजस्वी और जादूई व्यक्तित्व का अनुभव हुआ। इस आन्तरिक एकात्म बोध के कारण उन्हें अनुभव हुआ कि यह तस्वीर अन्तः प्रदेश में जैसे एक नदी प्रवाहित कर रही हो। अपने यहाँ गया के पास फल्गू नदी बहती है। इस नदी में ऊपर केवल रेत है लेकिन थोड़ा बालू हटाते ही वहाँ पानी निकल आता है। इसे ही अन्तः सलिला नदी कहा जाता है। भीतर-भीतर शास्त्री के व्यक्तित्व को हो-ची-मीन्ह की तस्वीर ने सिंचित कर दिया बिना जाने पहचाने। इसीलिए उन्होंने उनके व्यक्तित्व को अन्तः सलिला फल्गु कहा है।
प्रश्न-2. 'अन्तर्राष्ट्रीयता पनप नहीं सकती, जब तक राष्ट्रीयता का पूर्ण विकास न हो।' इस कथन पर विचार करें और अपना मत दें।
उत्तर- सम्पूर्ण संसार की विश्व मान्य इकाई राष्ट्र है। राष्ट्र से व्यक्ति को पहचान मिलती है। राष्ट्रविहीन लोगों को कोई महत्त्व नहीं देता। अतः राष्ट्र को बनाये रखना अनिवार्य है। हो ची मीन्ह ने वियतनाम को अमेरिका की गुलामी से मुक्त किया। उन्होंने ऐसा देश के प्रति अपने प्रेम के कारण ऐसा किया। यदि वे गुलाम रहते तो उनको कोई महत्त्व नहीं मिलता। स्वाधीनता सेनानी के रूप में ही वे दूसरे देशों को आजादी, संघर्ष, बलिदान और त्याग की प्रेरणा दे सके। जो राष्ट्र से प्यार करता है वही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उदार होता है। जो घर में दीपक जलाने का अभ्यासी होगा, घर को प्यार वही करेगा और अपने प्यार-गुण के कारण मंदिर के सूनेपन को बुरा महसूस करेगा और वहाँ दीप जलावेगा। इसीलिए लेखक की टिप्पणी है कि राष्ट्रीयता का पूर्ण विकास होने पर ही आदमी में वह उदारता आती है कि वह अन्तर्राष्ट्रीयता को प्यार कर सके।
प्रश्न-3. हो-ची-मीन्ह केवल वियतनाम के नेता बनकर नहीं रहे। वे विश्वद्रष्टा और विश्व-विश्रुत हुए। पाठ के आधार पर उनके व्यक्तित्व की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर- हो-ची-मीन्ह ने विदेशी साम्राज्यवाद् के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। अपने देश की ताकत को एकत्र कर जनता को एहसास कराया कि तुम भेड़-बकरी नहीं-शेर हो। जनशक्ति के प्रेरणा-स्रोत बनकर हो-ची-मीन्ह ने अमेरिका जैसे ताकतवर देश को वियतनाम से भगा दिया। वे क्रान्ति, त्याग और बलिदान के प्रतीक विजेता बन गये। इसलिए विश्व के ऐसे सभी दलित देश गुलामी से लड़ने की ताकत पा सके। इसी प्रेरक व्यक्तित्व के कारण लेखक ने उन्हें विश्वद्रष्टा कहा है। सादगी, संघर्षशीलता, त्याग और मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए प्राणों की बाजी लगाने के कारण ही हो-ची-मीन्ह देश के लिए ही नहीं विश्व के लिए भी पूज्य बन गये।
प्रश्न-4. 'जिंदगी का हर कदम मंजिल है। इस मंजिल तक पहुंचने से पहले साँस रुक सकती है।' इस कथन का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- जीवन साँसों का खेल है। यह साँस कबतक चल रही है और कब रुक जायेगी, यह कोई नहीं बता सकता। इसलिए जीवन वर्तमान का यथार्थ ही सब कुछ है। हवाई जहाज पर उड़ता हुआ व्यक्ति यह नहीं मानता है कि वह सकुशल मंजिल तक पहुँच ही जायेगा। मार्ग में भी जहाज की किसी त्रुटि या किसी घटना के कारण जान जा सकती है। इसी सन्दर्भ में लेखक ने दार्शनिक अंदाज में यह बात कही है।
प्रश्न-5. वियतनामी भाषा में ‘हांग खोंग' और 'हुअ सेन' का क्या अर्थ है?
उत्तर-वियतनामी भाषा में हांग' का अर्थ होता है 'मार्ग' और 'खोंग' का अर्थ होता है 'हवा'। इस तरह हांग खोंग का अर्थ हुआ हवाई मार्ग। यह वस्तुत: अंग्रेजी एअर लाइन्स के लिए वियतनामी शब्द है। दूसरे शब्द 'हुअ सेन' का अर्थ होता है-कमल का फूल।
प्रश्न-6. लेखक को ऐसा क्यों लगता है कि मैकांग नदी के साथ उसका गहरा भावनात्मक संबंध है ?
उत्तर- लेखक ने वियतनाम युद्ध के दौरान मैकांग नदी का नाम अनेक बार सुना था। इसीलए उसका एक अमूर्त बोध उसके मन में था। वह नदी वहाँ महागंगा नाम से मशहूर है। संभवतः मेकांग ध्वनि में लेखक को गंगा की अनुभूति होती थी। जो भी हो वह एक अज्ञात अपनापन अनुभव करता था। यह अपनापन नदी को देखकर साकार हो उठा और उसने आध्यात्मिक तृप्ति अनुभव की।
प्रश्न-7. हानोई साइकिलों का शहर है। हम इस बात से क्या सीख सकते हैं ?
उत्तर - हानाई शहर में साइकिलों की अधिकता है। लोग झुंड के झुंड साइकिलों पर सवार होकर वहाँ आते-जाते, घूमते-फिरते नजर आते हैं। इससे एक सीख यह मिलती है कि शहरों को प्रदूषण रहित रखना है तो साइकिलों का अधिकतम उपयोग हो। द्वितीय साइकिल चलाने में श्रम होता है अत: इससे वियतनामियों के परिश्रमी और शारीरिक कर्मठता का पता चलता है। साइकिल उस देश की मितव्ययिता का भी सूचक है।
प्रश्न-8. लेखक ने हो-ची-मीन्ह के घर का वर्णन किस प्रकार किया है ? इससे हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर - हो-ची-मीन्ह का घर साधारण है। वहाँ अब कोई नहीं रहता। वह राष्ट्र को समर्पित 1 है। वह वियतनाम की जनता की धरोहर है, प्रेरणा का स्रोत है। उसकी देखभाल राष्ट्रीय स्तर पर होती है। वहाँ एक गाइड रहता है जानकारी देने के लिए तथा एक गार्ड रहता है सुरक्षा के लिए। वह वियतनाम में राष्ट्रीय स्तर के सबसे बड़े स्थान का सूचक है। उसे राष्ट्रीय संरक्षण प्राप्त है।
Bihar board class 11 Hindi book solution chapter - 6 Grammar Question (भाषा की बात )
प्रश्न-1. लेखक ने हो-ची-मीन्ह के लिए किन-किन विशेषणों के प्रयोग किये हैं? पाठ से उन विशेषणों को चुनें।
उत्तर- हो-ची-मीन्ह के लिए प्रयुक्त विशेषण महान नेता, महामानव, मसीहा, राजनीतिक फकीर, सव्यसाची, विश्वद्रष्टा।
प्रश्न-2. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य-प्रयोग द्वारा लिंग-निर्णय करें
निधि, स्केच, प्राण, सुधि, तस्वीर, विभूति, संपत्ति, संरक्षण, दाढ़ी
उत्तर-
- निधि (स्त्री) -मेरी निधि लौटा दो।
- स्केच (पु.)-उनका स्केच बड़ा आकर्षक था।
- प्राण (पु.)-मेरे प्राण जुड़ा गये।
- सुधि (स्त्री.)-उसे अपनी देह की सुधि नहीं है।
- तस्वीर (स्त्री०)-तुम्हारी तस्वीर सुन्दर है।
- विभूति (स्त्री०)-गाँधीजी हमारे देश की सबसे बड़ी विभूति हैं।
- सम्पत्ति (स्त्री)-ताजमहल देश की सम्पत्ति है।
- संरक्षण (पु.)- मूल्यवान वस्तुओं का संरक्षण होना चाहिए।
- दाढ़ी (स्त्री०)-उनकी दाढ़ी लहसुननुमा थी।
प्रश्न-3. निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय निर्दिष्ट करें-
राजनीतिक, विदेशी, राष्ट्रीयता, जीवंतता, नागरिक, अंतरराष्ट्रीयता, वातानुकूलित, औपनिवेशिक
उत्तर-
- राजनीतिक-इक,
- विदेशी-ई, राष्ट्रीयता-ता,
- जीवंतता-ता, नागरिक-इक,
- अन्तर्राष्ट्रीयता-ता,
- वातानुकूलित-इत,
- औपनिवेशिक-इक।
प्रश्न-4. इन शब्दों के उपसर्ग निर्दिष्ट करें
उन्नति, परिलक्षित, प्रतिकृति, अपूर्व, स्वागत
उत्तर-
- उन्नति-उत्,
- परिलक्षित-परि,
- प्रतिकृति-प्रति,
- अपूर्व-अ,
- स्वागत-सु ।
प्रश्न-5. अर्थ की दृष्टि से निम्नलिखित वाक्यों की प्रकृति बताएँ
उत्तर-
- (क) दिन बीतते गए। विधानवाचक वाक्य।
- (ख) हो सकता है दो-चार वर्ष और पहले की हो। संदेहवाचक वाक्य।
- (ग) इसमें संदेह नहीं कि उनका जीवन कभी नहीं सूखने वाले प्रेरणा-स्रोत के समान बना रहेगा।-विधानवाचक वाक्य।
- (घ) वे कौन हैं, कहाँ के हैं और क्या हैं, जानने की सुधि भी नहीं रही।-उद्गारवाचक
प्रश्न-6, पाठ से प्रत्येक कारक के कुछ उदाहरण चुन कर वाक्य। लिखें।
उत्तर-
- कर्ता-मैंने कोई निधि पा ली हो।
- कर्म-कहानी पढ़ने को मिली।
- करण-आसमान से संबंध जोड़ लिया।
- सम्प्रदान-हमलोगों के ठहरने के लिए होटल ओरियंट में प्रबंध किया गया था।
- अपादान-(मैं) बिहार से दिल्ली आया।
- सम्बन्ध-पन्ने पर पेंसिल स्केच की एक तस्वीर दिखी।
- अधिकरण-वह आधुनिक होटलों में से एक है। विमान रन वे पर बढ़ने लगा।
Related Post -
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubt please let me know