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Class 12th History ( कक्षा-12 इतिहास लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 7
Q.1. गुप्त कौन थे ? गुप्त वंश का संस्थापक कौन था ?
Ans - गुप्त कौन थे ? इस विषय पर इतिहासकारों में बहुत मतभेद है। डॉ. हेमचंद्र राय चौधरी उन्हें ब्राह्मण बताते हैं, तो पं० गौरी शंकर बिहारी प्रसाद शास्त्री उन्हें क्षत्रिय, आल्तेकर जैसे इतिहासकार उन्हें वैश्य मानते हैं। कुछ इतिहासकार तो उन्हें शूद्र तक कहने से नहीं चूकते। अतः कोई ठोस आधार अभी तक नहीं मिला है, जो गुप्त लोगों के विषय में पूर्ण जानकारी दे।
गुप्त वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त प्रथम था। उसका शासन काल 230 ई० से 336 ई० तक रहा।
Q.2. गुप्त वंश का प्रथम प्रसिद्ध राजा कौन था ? उसने अपनी स्थिति को कैसे दृढ़ किया ?
Ans - चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का प्रथम प्रसिद्ध राजा था। उसने लिच्छवी राजकुमारी से विवाह करके, सैन्य संगठन को सुदृढ़ कर विजय अभियान छेड़कर तथा गुप्त संवत् को प्रारंभ करके अपने प्रभाव एवं प्रतिष्ठा को बढ़ाया।
Q.3. चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य की उपलब्धियों का वर्णन करें।
Ans - चंद्रगुप्त विक्रमादित्य (चंद्रगुप्त द्वितीय), समुद्रगुप्त का पुत्र था। उसने 380 ई० से 410 ई. तक शासन किया। सबसे पहले उसने बंगाल पर अपनी विजय पताका फहराई। इसके पश्चात् वल्कीक जाति और अति गणराज्य पर विजय प्राप्त की। उसकी सबसे महत्वपूर्ण सफलताएँ थीं-मालवा, काठियावाड़ और गजरात। शकों को हराकर उसने विक्रमादित्य की पद्वी धारण की। संस्कृत का महान कालिदास उसी के दरबार में रहता था। उसके शासन काल में प्रजा सुखी और समृद्ध तथा सुव्यवस्थित थी।
Q:4. ‘सन्निधाता’ शब्द का आशय स्पष्ट करें।
Ans - मौर्यों के समय में कर निर्धारण करने वाले अधिकारी को समाहर्ता कहा जाता था, जबकि कर वसूली और संग्रह करने वाले अधिकारी को सन्निधाता कहा जाता था।
Q.5. मौर्य साम्राज्य के चार प्रांतों और उनकी राजधानियों के नाम लिखिए।
Ans - (i) उत्तरांपथ की राजधानी तक्षशिला।
(ii) प्राच्य की राजधानी पाटलिपुत्र।
(iii) दक्षिणापथ की राजधानी सुवर्णगिरी।
(iv) अति की राजधानी उज्जियनी या उज्जैन नगरी।
Q.6. मौर्यों के राजनैतिक इतिहास के मुख्य स्रोत क्या-क्या हैं ?
Ans ⇒ 1. मेगास्थनीज की इंडिका (Indicaof Magasthaneze) – मौर्यकालीन भारत के विषय में जान प्राप्त करने के लिये मेगास्थनीज द्वारा रचित ‘इण्डिका’ (Indica) एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें तत्कालीन शासन व्यवस्था, समाज राजनैतिक व आर्थिक अवस्था पर महत्वपूर्ण विवरण मिलता है।
2. कौटिल्य का अर्थशास्त्र (Kautilvas Arthshastra)- कौटिल्य का अर्थशास्त्र भी भारत के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है जिससे मौर्यों के बारे में पता चलता है।
3. विशाखदत्त मद्राराक्षस (Vishakhdutta’s Mudraraksha) – इस प्रमुख ग्रथम ५ का चन्द्रगुप्त द्वारा नाश का वर्णन है।
4. जैन और बौद्ध साहित्य (Jains and Buddhists Literature) – जैन और बाद्ध दाना धमा के साहित्य में तत्कालीन समाज, राजनीति आदि की जानकारी प्राप्त होती है।
5. अशोक के शिलालेख (Inscription of Ashoka) – स्थान-स्थान पर लगे अशोक के शिलालख सभा मौर्यकालीन प्रशासन, धर्म, समाज अर्थव्यवस्था आदि पर प्रकाश पड़ता है।
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