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Bihar board class 11th Hindi Solution || Hindi Crammer || हिन्दी व्यकरण - सर्वनाम

 

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   Class 11 Hindi Book Solution - Hindi Grammar    

Bihar board class 11 Hindi book solution  || Hindi Crammer || हिन्दी व्यकरण 


       अध्याय – 2  ( सर्वनाम द् )         


प्रश्न - 2. सर्वनाम किसे कहते हैं ? इसके भेदों का सोदाहरण वर्णन करें। 

उत्तर- ‘‘सर्वनाम उस विकारी शब्द को कहते हैं जो पूर्वापर संबंध से किसी भी संज्ञा के बदले आता है।'' दूसरे शब्दों में, संज्ञा की आवृत्ति को रोकने के लिए उसके स्थान पर जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, हम, तुम, वह, वे, यह आदि ।

सर्व (सब) नामों (संज्ञाओं) के बदले जो शब्द आते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं।

संज्ञा और सर्वनाम के मध्य अन्तर इस प्रकार समझा जा सकता है। संज्ञा द्वारा उसी वस्तु का बोध होता है जिसका वह नाम है, परन्तु सर्वनाम में पूर्वापर सम्बन्ध के अनुसार किसी भी वस्तु का बोध हो सकता है, लड़का कहने से केवल लड़के का बोध होता है, पर सड़क, आदि का बोध नहीं होता, परन्तु 'वह' कहने से पूर्वापर सम्बन्धानुसार लड़का, सड़क आदि किसी भी वस्तु का बोध हो सकता है। 

सर्वनाम के भेद : सर्वनाम के छह भेद हैं – 

(1) पुरुषवाचक सर्वनाम : मैं, तू, वह, आप (हम, वे)

(2) निजवाचक सर्वनाम : आप।

(3) निश्चयवाचक सर्वनाम : यह, वह (ये, वे)

(4) अनिश्चयवाचक सर्वनाम: कोई, कुछ

(5) सम्बन्धबोधक सर्वनाम : जो-सो

( 6 ) प्रश्नवाचक  सर्वनाम : कौन, क्या ।



 ( 1 ) पुरुषवाचक सर्वनाम :  सामान्य व्यवहार जगत के तीन प्रमुख अंग होते हैं  –  वक्ता, श्रोता और कथ्य विषय। इन्हें व्याकरण में पुरुष कहते हैं। वक्ता, श्रोता तथा कथ्य विषय को क्रमशः उत्तम, मध्यम और अन्य पुरुष कहते हैं।

 “जो सर्वनाम कहने वाले, सुनने वाले या जिसके बारे में कुछ कहा जाए, उसके लिए आए, उसेपुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। "

पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद  होते हैं,

(i) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम- जैसे- मैं, हमें, मुझसे, मेरा इत्यादि । 

(ii) मध्य पुरुषवाचक सर्वनाम - तू, तुम, तुझसे, तुम्हें, तुम्हारा, तुम में, आप, आपका, आदि। 

(iii) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम - वह, वे, उनसे, उनका, उनमें, उन पर आदि। 


(2) निजवाचक सर्वनाम : निजवाचक सर्वनाम का रूप 'आप' है, जैसे- नौकर नहीं आया तो आप सब काम कर लूँगा। स्पष्ट है कि पुरुषवाचक के अन्य पुरुष वाले आप से इसका प्रयोग सर्वथा भिन्न है, यह कर्त्ता का बोधक है, पर स्वयं कर्त्ता का काम नहीं करता है। पुरुषवाचक आप बहुवचन में आदर के लिए प्रयुक्त होता है - आप यहाँ आकर बैठ जाइए। परन्तु निजवाचक आप एक ही तरह दोनों वचनों में आता है और तीनों पुरुषों में इसका प्रयोग किया जा सकता है। जिस सर्वनाम से स्वयं अर्थ का बोध हो उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं, 

जैसे- आप। 

( 3 ) निश्चयवाचक सर्वनाम :  जो सर्वनाम पास या दूर की किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति के लिए संकेत करता है, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं, 

जैसे- यह, वह, ये, वे, इसको इनसे, उसके लिए, इसमें, उस पर आदि। मूलतः निश्चयवाचक सर्वनाम दो हैं - यह, वह, जैसे-  (i) यह लो, (ii) वह रहने दो, (iii) वह बेकार है मत लो।

(4) अनिश्चयवाचक सर्वनाम :-  जिस सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु का बोध न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं ।

जैसे  - कोई, कुछ।

( 5 ) सम्बन्धवाचक सर्वनाम : जिस सर्वनाम से एक बात का दूसरी बात से सम्बन्ध ज्ञात होता है, उसे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं ।

जैसे-   जो-सो, जिसने उसने, जिसकी उसकी, जिसमें उसमें, जो वह

( 6 ) प्रश्नवाचक सर्वनाम : जिस सर्वनाम से प्रश्न का बोध होता है अथवा प्रश्न करने के लिए जिस सर्वनाम का प्रयोग होता है, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं, 

जैसे – कौन, क्या । (कौन का प्रयोग चेतन जीवों के लिए और क्या का प्रयोग जड़ पदार्थों के लिए होता है।)

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