Class 12th History Chapter - 1 सिंधु घाटी सभ्यता | Class 12th History Bihar Board | Class 12 history JAC board | Hadappan Shabhayat
अध्याय - अ
पुरातत्व एवं प्राचीन भारत
पुरातत्व एवं प्राचीन भारत
प्रारम्भिक नगरों की कहानी : हड़प्पा सभ्यता का पुरातत्व
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परिचय
➤ इस अध्याय के अन्दर हमलोगो को आज से लगभग 5000 वर्श पहले आई सभ्यता जिसे सिंन्धु घाटी सभ्यता के बारें मे पड़ना है ।
➤ इसे हड़प्पा सभ्यता भि कहा जाता है क्योकि जब इस सभ्यता का खोज हो रहा था तब सबसे पहले हड़प्पा नामक स्थान का खोज किया गया था इसलिए ।
➤ आपको जानकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि ऐ सभ्यता भारतीय सभ्यताओं में सबसे प्राचिन तथा प्रारम्भिक है ।
➤ इसके खोज में बहुत से लोगों का योगदान रहा है तथा बहुत से लोग ने अपने तौर पर इसके बारें में बताया है जो हमलोग इस अध्याय में बारी - बारी से पड़ेंगे ।
पुरातत्व क्या है ?
➤ हड़प्पा सभ्यता के बारे में समझने से पहले पुरातत्व को समझना जरूरी है ।
➤ पुरातत्व - पुरातत्व वह विज्ञान है जिसके माध्यम से पृथ्वी के गर्भ में छिपी हुई सामाग्रियों की खुदाई कर अतीत के लोगों के जिवन , रहन - सहन , यानी भौतिक जीवन के बारे मे पता लगाया जा सकता है ।
➤ उदाहरण के लिए जैसे सिक्के , मनके , सिलालेख , अभिलेख , पुराने महल , आदी पुरातत्व में आजे है ।
➤ किसी भि पुराने सभ्यता को समझने या जानने के लिए पुरातत्व सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्रोत है ।
➤ जो लोग पुरातत्व कि खोज करतें है उन्हे पुरातत्वविद कहते है ।
➤ पुरातत्वविदों ने सिन्धु घाटी के समीप उत्खनन कर जो पुरातात्विक सामाग्री प्राप्त की , उसी सामाग्री के आधार पर हड़प्पा सभ्यता के प्रारम्भिक नगरों की कहानी लिखि गई है ।
➤ इतिहास और पुरातत्व का घनिष्ट संबंध है ।
पुरातत्विक उत्खनन
➤ इतिहासिक घटनाओं को समझने के लिए किसी भी स्थल पर पुरातत्वविक पहले वहां लंबे समय तक उत्खनन (खुदाई ) करते है
➤ खुदाई के दौरान वस्तुएँ जितनी गहराई पर प्राप्त होती है वे उतनी ही प्राचीन होती है ।
➤ इसे हि स्तरीकरण का सिद्धांत कहा जाता है इस सिद्धांत का निव पिट रिबर्स महोदय ने मिस्र में डाली थी ।
भारत में पुरातात्विक विभाग कि स्थापना
➤ 15 जनवरी , 1784 ई. को विलियम जोन्स ने कलकत्त में एसियाटिक सोसाइटी की स्थापना कि ।
➤ यहीं से भारत में भारत का इतिहास जानने हेतु पुरातात्विक अन्वेशण आरम्भ हुआ ।
➤ 1861 ई. में जब भारत में पुरातत्व विभाग की स्थापना हुई तब कनिंघम महोदय को इसका डायरेक्टर नियुक्त किया गया ।
➤ 1872 ई. में सारे भारत में पुरातत्व विशयक खोज कराने का निश्य किया गया एवं कनिंघम महोदय को ही इस परियोजना का डायरेक्टर जनरल बनाया गया ।
➤ 1902 ई. में सर जान मार्षल डायरेक्टर जनरल बनें ।
➤ इन्ही के समय 1924 ई. में समस्त विश्व के समक्ष एक नवीन सभ्यता सिन्धु घाटी सभ्यता का घोशणा किया गया ।
हड़प्पा सभ्यता की खोज कि कहानी
➤ 1826 ई. में सर्वप्रथम हड़प्पा टीले का उल्लेख चाल्र्स मैसन के द्वारा किया गया था ।
➤ 1856 ई. सबसे पहले कराँची से लाहौर तक रेललाईन बिछाने दो भाई जान ब्रंटन एवं विलियन ब्रंटन नामक अंग्रेजों को कुछ पुरातात्विक वशेष मिलें ।
➤ 1873 ई. में जनरल कनिंघम को भी कुछ हड़प्पाई वस्तुएँ प्राप्त हुआ ।
➤ 1912 ई. में एफ.फ्लीट महोदय ने यहाँ से प्राप्त वस्तुओं के अधार पर एक लेख लिखा ।
➤ कनिघंम एवं फ्लीट महोदय हड़प्पा सभ्यता के महत्त्व का मुल्यांकन करने में असमर्थ रहे ।
➤ 1921 ई. सर जाॅन मार्षल के अध्यक्षता में दयाराम साहनी ने पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त से रावी नदी के तट पर स्थित हड़प्पा नामक स्थल का खोज किया
➤ 1922ई. राखलदास बनर्जी ने मोहनजोदड़ो की खोज कि
➤ मोहनजोदड़ो अभि वर्तमान पकिस्तान के सिन्ध प्रांत के लरकना जिले में सिन्धु नदी के तट पर स्थित था ।
➤ पिगट महोदय ने हड़प्पा एवं महोनजोदड़ो को एक विस्तृत साम्राज्य की जुडवाँ राजधानी बताया ।
➤ हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो षहर के बिच कि दुरी 670 किमी. है ।
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